Motivated story ||How to become successful || Believe In Your Self

भाग्यशाली वो नहीं होती जिन्हें सब कुछ अच्छा मिलता है
लेकिन
 भाग्यशाली वह होते हैं जिन्हें जो मिलता है उन्हें भी अच्छा बना लेते हैं

Hello Friends. How to become successful:- Believe in Your Self. कैसे एक सक्सेसफुल बने। उसमें आज हम बात करेंगे कैसे खुद पर विश्वास रखे। 

आज मैं आपको एक ऐसे लड़की की स्टोरी बताउगा। जो आपकी लाइफ पूरी लाइफ को बदलकर रख देंगी। यह कहानी है आप और मेरे जैसे ही एक आम लड़की की। उस लड़की का नाम सानिया था। सानिया को अपनी जिंदगी में बड़ा इंसान बनना था। जिंदगी में बड़ा बनना कौन नहीं चाहता? सबकी ख्वाहिश होती है कि खुद एक बड़ा आदमी हो, अच्छे पैसे हो और अच्छी गाड़ियां हो, अच्छे बंगले हो। सबकी होती है ना?  ऐसे ही ख्वाहिश सानिया की थी।

जैसे-जैसे सानिया की उम्र बढ़ती गई वैसे वैसे उसके सपने भी बड़े-बड़े बनते गए। अपने सपने का पीछा करते करते सानिया ने अच्छी पढ़ाई की और उसने MBA किया और कुछ समय तक वह किसी एक कंपनी में जॉब किया करती थी। सानिया को उस कंपनी में जॉब तो अच्छी थी उस जॉब के लिए पैसे भी अच्छे मिलते थे लेकिन सानिया को तो बचपन से ही खुद की कंपनी स्टार्ट अप करने की तमन्ना थी।

सानिया ने एक दिन खुद की कंपनी की शुरुआत कर दी धीरे-धीरे वह कंपनी प्रॉफिट कमाने लगी। सानिया ने जो बचपन में सपना देखा था वह 90% तक सफल हो चुका था। सानिया की मेहनत और स्मार्ट वर्क से वह कुछ ही समय में वह अपने शहर की सबसे अमीर औरत बन चुकी थी। सभी लोग सानिया को पहचानने लगे थे।

सानियाने दिन-प्रतिदिन और ज्यादा मेहनत करना शुरू कर दिया। लेकिन कहते हैं ना कि, "जहां सफलता है वहीं पर विफलता भी है" कुछ ही दिनों के बाद सानिया के उल्टे दिन शुरू हो गए। कहते हैं ना कि ,"जब घड़ी में 12 बजते हैं तब दोनों कांटे ऊपर होते हैं लेकिन जब 6:30 बजते हैं तब दोनों काटे नीचे भी आ जाते हैं।" उसी प्रकार सानिया के साथ भी हुआ।

कुछ समय बाद सानिया की कंपनी नुकसान में जाने लगी कंपनी में इतना नुकसान, इतना घाटा बढ़ चुका कि सानिया पूरी तरह परेशान हो चुकी थी। वह पूरी तरह डिप्रेशन में चली गई थी उसे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि आगे करें तो वह करें क्या? कई सारे उधार लेने वाले लोग सानिया के घर पर आने लगे। उसे परेशान करने लगे यदि पैसा ही नहीं दिए तो हम तुम्हें मार देंगे। लोग यहां तक कहने लगे थे।

सानिया बहुत ही परेशान हो  चुकी थी सानिया अंदर ही अंदर टूट चुकी थी। उसे फाइनली एक बार सोचते-सोचते खयाल आया कि अगर वह रहेगी नहीं तो किस बात का टेंशन। उसने आत्महत्या करने के बारे में सोचा।

एक दिन सानिया बगीचे में बैठी थी। वहां पर वह रो रही थी वह सोच रही थी कि, "अब आगे करे तो करे क्या? क्या होगा मेरा? आखिर में उसे सिर्फ और सिर्फ एक ही रास्ता दिखाई दे रहा था। वह आत्महत्या का। वह रो रही थी। उसी वक्त वहां पर एक बूढ़े व्यक्ति ने उसके कंधे पर हाथ रखा।

उस बूढ़े व्यक्ति ने उसे पूछा कि, "बेटा क्यों रो रही हो? कोई समस्या हो तो मुझे बताओ?"

सानिया बहुत ही गुस्से में थी उसने कहा कि ,"आप मुझसे दूर हो तो जाओ मेरे मामलों में दखल मत दो।"

उस बूढ़े व्यक्ति ने फिर पूछा ," अरे बेटा क्या समस्या है एक बार बताओ तो सही। हो सकता है मैं तुम्हारी समस्या का समाधान दे दू, कोई उपाय दे दूं।

तब सानिया ने बड़ी हड़बड़ी में कहा ,"बाबा मेरे ऊपर 1000000 रुपए की उधारी है क्या दे पाएंगे आप? चुका पाएंगे आप?"

यह सुन करो उस बूढ़े व्यक्ति ने मुस्कुरा कर अपने कोट की जेब में हाथ डाला और अपनी चेक बुक निकाली और कहां सिर्फ 10 लाख चाहिए। उसने चेक पर साइन किया और सानिया को चेक दे दिया।

सानिया एकदम से आश्चर्य में पड़ गई वह सोचने लगी कि,"मैं जिसे जानती तक नहीं वह आदमी मुझे इतने पैसे क्यों दे रहा है?"

सानिया बहुत ही असमंजस में थी वह सोच रही थी कि इतनी बड़ी रकम में कैसे ले सकती हूं। उसने मना कर दिया।

तभी उस बूढ़े व्यक्ति ने कहा कि," देखो बेटी अभी तुम ले लो जब तुम्हारी कंपनी में मुनाफा बढ़ने लगे तब वह मुझे वापस लौटा देना।"

तभी उस बूढ़े व्यक्ति ने अपना परिचय दिया। जब उसने अपना नाम बताया तब वह उस शहर का सबसे बड़ा अमीर आदमी निकला। उस आदमीने अपना नाम शेठ दीनदयाल बताया।

सानिया बहुत ही खुश हो गई। उसने  उस बूढ़े आदमी से कहा कि में आपको ठीक 1 साल बाद यही पर आपको आपके पैसे लौटा दुगी। आप यही पै  जाना।

सानिया खुशी खुशी घर जा रही थी। उसकी टेंशन अब ख़तम हो गई थी। सानिया जब घर पहुंची उसने चेक देखा तभी ख्याल आया कि " वो उस अनजान व्यक्ति को जानती तक नहीं और उसने मुझ पर भरोसा करके इतनी बड़ी रकम दे दी। एक अनजान आदमी को मुझ पे इतना भरोसा है लेकिन मुझे खुद पर भरोसा नहीं कर रही हूं।"

सानिया ने आखिर में निर्णय लिया कि वह उस चेक का इस्तेमाल नहीं करेगी। उसने अपने आप से कहा कि मैं फिर से मेहनत करूंगी, फिर से पैसा कमाएगी और फिर से अपनी मंजिल को हासिल करूंगी। उसने वही किया और उसने उस चेक को संभाल कर रख दिया और फिर से  कड़ी मेहनत करना शुरू कर दिया। उसकी कंपनी फिर से नई शुरुआत करने लगी। उसके एंप्लोई वापस आ गए। सारे कर्ज का पैसा उस ने लौटा दिया और 1 साल देखते ही देखते बित गया।

ठीक 1 साल बाद सानिया बहुत ही exited थी। उस आदमी से मिलने के लिए सानिया उसी बगीचे में जाकर उस चेक को लेकर बैठ गई और वहां बड़ी ही exited थी यह बताने के लिए कि," देखो मैंने आपका चेक का इस्तेमाल नहीं किया। मैंने बहुत मेहनत की और मैंने अपनी कंपनी वापस खड़ी कर दी।" 

सानिया बेसब्री से उस इंसान का इंतजार कर रही थी 3 से 4 घंटे बीत गए लेकिन वह इंसान नहीं देखा लेकिन कुछ समय बाद वह इंसान सामने से आ रहा था। उसे देखकर बहुत ही exited हो गई।

जब वह आदमी आ रहा था तभी उसके पीछे पीछे एक एंबुलेंस है उसमें से कुछ लोग उतरे और उस इंसान को पकड़ा और उसे पकड़ कर ले जा रहे थे।

सानिया बहुत ही घबरा गई उसने उनसे कहा कि उन्हें कहां ले जा रहे हो। छोड़ दो इन्हें यह तो इस शहर के सबसे बड़े सेठ है। यह बात सुनकर एक कंपाउंडर ने कहा कि ,"यह कोई सेठ नहीं है यह तो पागल खाने से भागा हुआ एक पागल आदमी है जिसने आप को चेक दिया था उसमें रकम लिखी थी?"

सानिया ने कहा ," हा।"

 उस कंपाउंडर ने कहा कि," यह कोई शेठ नहीं है यह सभी को ऐसे ही चेक बांटता रहता है।"

यह सुनकर सानिया को बहुत बड़ा झटका लगा।

यदि उस दिन सानिया ने खुद पर भरोसा ना करके उस चेक पर भरोसा किया होता तो क्या होता? सोचिए जरा

सानिया ने खुद पर भरोसा किया और फिर से अपनी मंजिल हासिल की ऐसे ही हम सभी खुद पर भरोसा करना चाहिए। अपनी मंजिल को पाने के लिए। सिर्फ अपने आप पर। आशा है आप सबको मेरी इस कहानी का सार समझ  गया होगा।

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