इन वर्षों में भारत में कई उद्योगपति रहे है जैसे कि धीरूभाई अंबानी, जमशेदजी टाटा, वर्धे कुरियन, अजीम प्रेमजी, जैसे कई नाम तुरंत हमारे दिमाग में आते है।वैसे सिर्फ उद्योग मे ही नहीं डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने के लिए कई युवा भारतीयों ने कई बड़े बड़े स्टार्टअप शुरू किया है।
जैसे कि मुकेश अंबानी,सचिन बंसल और बिन्नी बंसल,रितेश अग्रवाल , किंग सिद्धार्थ जैसे कई सारे प्रतिष्ठित नाम हमें याद आते है।
आज हमारे देश के कई लोग है जो भारत में उद्यामिशिलता की एक मिशाल पेश कर रहे है।यह सबकुछ देखते हुए भारत के भविष्य के आने वाले दिन काफी आर्थिक प्रतिष्ठा की वैश्विक शक्ति के रूप में विकसित होने का अनुमान है। जिनमे इनका योगदान काफी महत्व पूर्ण होगा। यही नहीं आज हमारे देश के कई नौजवान उद्यमी है जो छोटी सी उम्र में कई सारे बड़े स्टार्टअप कर रहे है आज हम उनमें से दो व्यक्ति की बात करेंगे जिन्होंने इंडियामे ईकोमर्स की नई शुरुआत की। मुझे आशा है कि ये आप सबको ये पसंद आएगी और आप भी इन्हीं की तरह कुछ नया करेगे और डिजिटल इंडिया बनाने में मदद करेंगे।
युवा भारत के उद्यमी: - सचिन बंसल और बिन्नी बंसल
बहुत कम लोग होंगे जो इस कंपनी के नाम से वाकिफ नहीं होगे। 2007 इस कंपनी को सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने मिल कर शुरू किया था।
सचिन बंसल का जन्म चंडिघड में हुआ था।इनके पिताजी एक बिजनेसमैन और इनकी मां एक हाउसवाइफ। सचिन बंसल ने ग्रेजुएशन आईआईटी दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में किया था।
बिन्नी बंसल का जन्म भी चंदीघड में हुआ था।और इन्होंने भी अपना ग्रेट्यूएशन आईआईटी दिल्ली से किया था। दोनों बचपन से एकदुसरे को पहचानते थे। दोनों की परिस्थिति एक जैसी ही थी इसी वजह से दोनों एकदूसरे को काफी अच्छी तरह से समझ सकते थे।
सचिन बंसल और बिन्नी बंसल दोनों ने साथ ही पढ़ाई पूरी करने के बाद विष्वप्रतिष्टित कंपनी amazon में जॉब करने लगे। फिर एकदिंन उन्हें खुद की कंपनी बनाने का विचार आया। जिससे दोनों ने साथ ही नोकरी छोड़ दी।
ये उस वक्त उनका बड़ा कठिन निर्णय था।
बाद में उन्होंने 2007 में फ्लिपकार्ट शुरू करने के लिए इन दिनों भारतीयों कि खरीददारी करने के तरीके को बदलने के लिए श्रेय उन्हीं दोनों को दिया जाता है।शुरुआत में उन्होंने एक तुलना आधारित खोज इंजन के साथ शुरू करने का निर्णय लिया लेकिन वे जल्द ही समझ गए कि ई कोमर्स के लिए बाजार सीमित नहीं है।इसी वजह से उन्होंने फ्लिपकार्ट लॉन्च करने का फैसला लिया । उन्होंने बैगुलुरू में एक मामूली पूंजी और एक कार्यालय से शुरू किया। जहा से वे व्यक्तिगत रूप से आदेश दिया सामान वितरित करेंगे। जल्द ही उन्होंने खरीददारी करने वाले लोगो से बातचीत करना शुरू कर दिया ताकि वे क्या चाहते है इसका पहला विचार प्राप्त हो और परिणाम आज सबके सामने है।
आप फ्लिपकार्ट की सफलता देखकर समझ ही गए होंगे कि कोई भी काम असंभव नहीं है, जरूरत है सिर्फ सच्चे लगन की और दृढ़ संकल्प की। लगन और दृढ़ संकल्प से जो काम करते है उसमे हमें सफलता मिलती ही है
में आज आशा रखता हूं कि ये बात आप सबको पसंद आयी होगी। तो मुझे जरूर कमेंट करे ।
आप मेरे ब्लॉगर पर एक बार जरूर मुलाकात कीजिए .
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