सच्चे प्यार की Love Story in Hindi

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सच्चे प्यार की Love Story in Hindi

 सच्चे प्यार की Love Story in Hindi : 

हेल्लो दोस्तो। आज में आपको बताउगा एक प्यारी सी छोटी सी दो बच्चो की प्रेम कहानी (Love Stories In Hindi)। 

कैसे दोनों को बचपन में Pyar हुआ और कैसे? अरे नीचे जाइए और स्टोरी पढ़ना शुरू कीजिए। मेरी गेरांटी है कि आपको यह hindi love story पोस्ट बहुत अच्छा लगेगा।

यह एक real life story in hindi है। जिसकी शुरुआत होती है हैदराबाद से हुई। ऋषि और प्रिया हैदराबाद मै रहते थे। दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे।




उस समय ऋषि की उम्र 14साल की होगी। वह 8वी क्लास में पढ़ता था। उम्र कम थी लेकिन कहते है ना कि मॉडर्न टाइम में कब किसको किससे प्यार हो जाए कुछ कहा नहीं जाता।

ऋषि को अपना पहला प्यार उसकी क्लास में पढ़ने वाली " प्रिया " से हुआ था। 

प्रिया की उम्र भी करीब 14 साल थी लेकिन प्रिया बचपन से ही बहुत खूबसूरत दिखाई देती थी। मतलब कि अगर आप भी पहली बार देखेगे तो आप भी प्यार में पागल हो जाते।

ऋषि के परिवार समान्य परिवार था। ऋषि के पिता एक स्कूल में अध्यापक हुआ करते थे और घर पर ट्यूशन दिया करते थे। ऋषि का परिवार समान्य परिवार से था। 

प्रिया के पिताजी अच्छी खासी कंपनी चलाते थे। प्रिया का परिवार अच्छे खासे पैसा वाला था। शहर में उनका अच्छा नाम भी था।

ऋषि का परिवार गरीब सामान्य होने की वजह से वह प्रिया से प्यार का इजहार करने से भी डरता था। वो दोनो क्लास में बात तो करते थे लेकिन ज्यादातर सिर्फ पढ़ाई से रिलेटेड। बस ऋषि उसे दिनभर सिर्फ देखता रहता था। लेकिन प्यार का इजहार नहीं कर पाता था।
सच्चे प्यार की Love Story in Hindi


अब आप मुझे कॉमेंट करके बताएं कि अगर आप ऋषि की जगह होते तो क्या करते? आप कॉमेंट करके बताएं और अपने पार्टनर कि यह पोस्ट शेयर कीजिए।

चलो प्यार होने की वजह से ऋषि कि एक आदत शुधर गई? कौनसी वह आगे पढ़िए।

ऋषि और प्रिया कि True Love Story in Hindi 


ज्यादातर लड़के लोगो को बचपन में स्कूल जाने का में नहीं करता। बस इसी प्रकार ऋषि भी स्कूल नहीं जाने का बहाने बनाया करता था। लेकिन जबसे वह प्रिया से मिला तबसे स्कूल के एक भी दिन छुट्टी नहीं ली।

ऋषि के परिवार को लगता था कि उनका बेटा सुधर गया। लेकिन यह नहीं जानते थे कि उनके बेटे को किसी से प्यार हो गया है।

ऐसे ही दिन बीतते गए। ऋषि रोज प्रिया के ख्वाबों में खोया रहता , उसे देखा करता था। और देखते ही देखते उनकी 8वी , 9वी और 10वी क्लास भी पूरी हो गई।

तीन तीन साल बीत गए लेकिन ऋषि अब भी प्रिया से इजहार नहीं कर पाया। वह साल के अंतिम दिन जब स्कूल गया तो देखा सभी लोग अपने बेस्ट दोस्त अपनी गर्लफ्रेंड को गले मिल रहे थे।

यह सब देख कर ऋषि के आंख में आंसू आ गए। उसे इस बात का डर था कि आज के बाद वह प्रिया से मिल पाएगा या नहीं। तभी प्रिया ने आकर उसे गले मिली। वह ऋषि की लाइफ का सबसे आकर्षक पल था। उससे भविष्य के बारे में बात की लेकिन सिर्फ स्टडी से रिलेटेड।

ऋषि अब भी उसे इजहार नहीं कर पाया। बाद में वह क्लास में जाता है और प्रिया का जो आईकार्ड होता है। उसे वह अपनी साथ ले जाता है। इसी मकसद से कि वह आईकार्ड को देखकर ही प्रिया को याद कर पाए।

10वी बाद प्रिया और ऋषि दोनों अलग अलग हो गए। ऋषि भी शहर छोड़ कर चला गया और दूसरी स्कूल में दाखिला ले लिया। लेकिन अब भी उसके दिल में प्रिया को नहीं भूल पाया था। उसे अब भी उस बात का पछतावा हो रहा था कि "उसने प्रिया को प्यार को इजहार क्यों नहीं कर पाया?"

दिन बीतते गए। प्रिया ऋषि को भूल चुकी थी। लेकिन ऋषि अभी तक प्रिया के आईकार्ड को देखकर उसे याद करता था। दोनो ने किसी को भी 10वी के बाद कभी भी मिले नहीं थे। उन्हें पहचानते ते भी नहीं थे कि वह कैसा दिखाई देता होगा या होगी?

सिर्फ ऋषि प्रिया कि यादों में खोया रहता था।

समय बीतता गया। दोनो की पढ़ाई पूरी हो गई। और दोनो के परिवार शादी के लिए योग्य पार्टनर खोज रहे थे।

सच्चे प्यार की Love Story in Hindi



ऋषि के परिवार वालों ने ऋषि की लडकी से शादी कराई। लेकिन वह अब भी सिर्फ प्रिया कि यादों में खोया था। परिवार के लिए उसने शादी भी कर ली। और किस्मत भी देखो जिस लडकी से उसने शादी की उसका नाम भी " प्रिया " था।

जब भी वह अपनी पत्नी प्रिया को प्रिया नाम बुलाकर पुकारता तब उसे अपनी बचपन का प्रेम प्रिया याद आती थी।

एक दिन जब ऋषि और प्रिया दोनो कुछ ऑफिस का काम कर रहे थे तभी ऋषि के सामान में से कुछ सामान गिरा। वह देख कर प्रिया बोली :- " ऋषि क्या है इन सामान में जिसे तुम इतना संभाल कर रखते हो। किसी को दिखाते भी नहीं?"

तभी ऋषि ने कहा:- " कुछ नहीं बचपन के दोस्तो की यादे है"

प्रिया उत्साह में  गई और उस बॉक्स को खोला तो तभी पहला निकला  ऋषि की बचपन कि दोस्त प्रिया का आईकार्ड। प्रिया ने पूछा यह कौन है?

तभी ऋषि ने अपने बचपन की पूरी स्टोरी बताई कि " प्रिया कोन थी? वह किससे प्यार करता था। "

यह बात कहते कहते ऋषि भी रोने लगा।

यह सभी सुनकर प्रिया ने ऋषि के आंसू पोछे और कहा: " तुम जिस प्रिया से बचपन से प्यार करते थे। वह में ही हूं। "

यह सुनकर तो ऋषि तो खुशी से पागल हो गया। वह खुशी के मारे रोने लगा।

तभी प्रिया ने अपनी पर्सनल डायरी बताई। इसमें अपनी बचपन कि यांदे , बचपन कि फोटो था। यह देखकर दोनो खुश हो गए।

प्रिया ने आंसू पोछे और प्यार से ऋषि को गले लगा लिया। वह यह सोचकर खुश थी उसकी शादी जिससे हुई है वह उसे बचपन से चाहता था।

दोस्तो वह फिल्मी डाइलोग है ना कि :
" अगर किसी चीज को सिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात उसे मिलाने में जुड़ जाती है। "

बस यही बात आज कि स्टोरी में सच साबित होती है।

आज कि स्टोरी: True Love Story In Hindi

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